पैमाने
पैमाने पर
पैमाने ख़त्म किये जा रहा है तू
दूसरों को
गम के आंसू रुला रहा है तू
तू सोचता
है कि पीने के बाद , ग़मों को भूल जाएगा
तू जब होश
में आयेगा ग़मों को घर के दरवाजे पर पायेगा
तेरा पीना
हर एक को सालता है
चाहे वो
तेरे दिल के पास हो या दूर
नन्ही –
नन्ही आँखों की मुस्कराहट तो देख
गर जो होश
में हो तू
जिन्द्गे
की ठोकर से तू न डर प्यारे
ये
जिन्दगी आस है निराशा में न खो यूं
लड़
तन्हाइयों से सजा जिन्दगी को खुशियों से
पल – पल
जियो कुछ इस तरह से जिन्दगी
कि दूसरों
की जिन्दगी भी गुलजार हो जाए
ज़र्रा –
ज़र्रा तेरा कर्जदार हो जाये
न तू खुद
पिए न दूसरों को पिलाए
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