ये
दुनिया है कि इससे सत्य सुना जाता नहीं है
ये
दुनिया है कि इससे, सत्य सुना जाता नहीं है
और मैं
हूँ कि मुझसे झूठ ,कहा जाता नहीं है
मौक़ा परस्तों की है ये दुनिया
कि
मुझसे झुक कर रहा जाता नहीं है
ये
दुनिया है कि इससे सत्य सुना जाता नहीं है
और मैं
हूँ कि मुझसे झूठ कहा जाता नहीं है
झूठ का
पुलिंदा बन गयी है ये दुनिया
और मैं
हूँ कि मुझसे इसका हिस्सा बना जाता नहीं है
ये
दुनिया है कि इससे सत्य सुना जाता नहीं है
और मैं
हूँ कि मुझसे झूठ कहा जाता नहीं है
ये
दुनिया है कि इसे गिरतों को उठाना आता नहीं है
और मैं
हूँ कि जिसे किसी का गिरना सहा जाता नहीं है
ये
दुनिया है कि इससे सत्य सुना जाता नहीं है
और मैं
हूँ कि मुझसे झूठ कहा जाता नहीं है
हर –
क्षण , हर – पल आपदाओं का कोप बन रही दुनिया
फिर भी
इस दुनिया को कुछ समझ आता नहीं है
जिम्मेदारी
के एहसास से हैं ये जुदा
फिर भी
इन्हें जागना आता नहीं है
ये
दुनिया है कि इससे सत्य सुना जाता नहीं है
और मैं
हूँ कि मुझसे झूठ कहा जाता नहीं है
जी रहे
हैं जो बारूद के देर पर
देते
हैं दुहाई धर्म , जाति के नाम पर
किस्सा
– ए – इंसानियत इन्हें
बयान
करना आता नहीं है
ये
दुनिया है कि इससे सत्य सुना जाता नहीं है
और मैं
हूँ कि मुझसे झूठ कहा जाता नहीं है
कोई
पैग़म्बर , कोई कृष्ण ,
कोई
गौतम , कोई जीसस ,
कोई
बुद्ध , कोई नानक अब अवतार ले इस धरा पर
कि
मुझसे मानव सभ्यता का पतन सहा जाता नहीं है
ये
दुनिया है कि इससे सत्य सुना जाता नहीं है
और मैं हूँ कि मुझसे झूठ कहा जाता नहीं है
डूबती
मानव संस्कारों , संस्कृति की नैया
इसका
भयावह अंत मुझसे देखा जाता नहीं है
ये
दुनिया है कि इससे सत्य सुना जाता नहीं है
और मैं
हूँ कि मुझसे झूठ कहा जाता नहीं है
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