Thursday 23 January 2014

गुंचा – गुंचा क्यारी – क्यारी


                                        गुंचा – गुंचा क्यारी – क्यारी
गुंचा – गुंचा क्यारी – क्यारी
खिलते पुष्प रंग सभी के
आसमां में चमक रहे हैं
तारे रंग बिरंगे प्यारे
मीठी तान सुनाते हमको
पंछी दिखते न्यारे – न्यारे
कोयल की कूक है भाती
हिरणों की भी चाल है न्यारी
चारों ओर हरियाली देखें
आसमां में तारे देखें
देखो कैसे चमक रहे हैं
आओ हमको छूलो तुम
वे ये हमसे बोल रहे हैं
भवरों की गुंजन को सुनकर
देखो पुष्प रहे मुस्करा
भवरों का आलिंगन पाकर पुष्प
मस्त चाल में झूम रहे हैं
आसमां में खिलते बादल
लगता मिट गए सारे दावानल
बारिश की टिम - टिम बूंदों से
खिलता धरती का तन – मन
चरों ओर फैली हरियाली
लगती हमको प्यारी – प्यारी
आओ मन में आस जगायें
प्रकृति से नाता बनायें
आओ हम कुछ पेड़ लगायें
आओ हम सब जीवन पायें

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