Thursday 2 January 2014

प्यार के आईने में



                 प्यार के आईने में
प्यार के आईने में
जिन्दगी गुजार ले
हो सके तो
दूसरों की जिन्दगी संवार दे
वक़्त कम और
काम बहुत हैं
हो सके तो तूफ़ान में
पतवार बन
जिन्दगी को मौत की
आगोश से निकाल ले
कम समय में
कर बहुत कुछ
धरती पर स्वर्ग तू
आज ही उतार दे
कर दे प्रकृति को अलंकृत
चहुँ ओर धरती को
हरियाली का श्रृंगार दे
पूज्यनीय हैं बड़े सब
उनके अनुभवों के
आचमन से
वर्तमान तू निखार ले
उनको सम्मान दे
उनको विश्राम दे
कर सेवा                                  
उनकी भविष्य तू सुधार ले

माता है जगत जननी
माता है मातृभूमि
दोनों की लाज रख
अपने फ़र्ज़ को अंजाम दे
बलिदानी हो उन पर
सम्मान कर उनका
समर्पित भाव से
प्राणों को अर्पण कर
जीवन को अपने तू
मातृभूमि पर वार दे


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