प्यार
के आईने में
प्यार के आईने में
जिन्दगी गुजार ले
हो सके तो
दूसरों की जिन्दगी संवार दे
वक़्त कम और
काम बहुत हैं
हो सके तो तूफ़ान में
पतवार बन
जिन्दगी को मौत की
आगोश से निकाल ले
कम समय में
कर बहुत कुछ
धरती पर स्वर्ग तू
आज ही उतार दे
कर दे प्रकृति को अलंकृत
चहुँ ओर धरती को
हरियाली का श्रृंगार दे
पूज्यनीय हैं बड़े सब
उनके अनुभवों के
आचमन से
वर्तमान तू निखार ले
उनको सम्मान दे
उनको विश्राम दे
कर सेवा
उनकी भविष्य तू सुधार ले
माता है जगत जननी
माता है मातृभूमि
दोनों की लाज रख
अपने फ़र्ज़ को अंजाम दे
बलिदानी हो उन पर
सम्मान कर उनका
समर्पित भाव से
प्राणों को अर्पण कर
जीवन को अपने तू
मातृभूमि पर वार दे
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