Thursday 23 January 2014

हमने मन में क्यों ये पाला


हमने मन में क्यों ये पाला
हमने मन में क्यों ये पाला
धरती पर केवल अंधियारा

अन्धियारा  मन में बसता  है
अंधविश्वास से ये कसता है

मन का ये अंधियारा क्या है
उजियारे का ये दुश्मन क्यों है

आगे बढ़ने से हमको रोके
श्रेष्ठ आचरण को ये टोके

जीवन की ये बात करे न
मृत्यु से ये नाता रखे

सही विचार मन में न आने दे
कुविचार ,पथ प्रेरक ये

इस विचार से मुक्ति पाना है
हमको सत्य मार्ग पर जाना है

कुछ ऐसा हम मन में डालें
आओ हम मन में ज्योत जलायें

अन्धियारे से लड़ना सीखें
कर्म धरा पर हम भागें

सोचें केवल हम सत्य को
सत्य को ही आदर्श बना लें

मन को मार त्याग अपनायें
जीवन को हम सार्थक पायें

हम ये मानें हम ये जानें
मन के हारे हार है मन के जीते जीत

No comments:

Post a Comment