Wednesday 8 January 2014

काश ये सब



काश ये सब
नदी झरनों का कल- कल करता मधुर संगीत
मंद मंद बहती पवन
नीले – नीले आसमां से परिपूर्ण जीवन
दूर पर्वतों की तलहटी का शांत जीवन
कहीं दूर जंगल मे पक्षियों का मधुर गान
मन को प्रफुल्लित करती नदियों की लहरें
बागों मे पुष्पों के बीच खिलती खुशबू
काश ये सब मेरी जिंदगी का हिस्सा होते
काश ये सब मेरी जिंदगी का हिस्सा होते

कहीं बारिश की बूंदों से होता सराबोर तन
कहीं दूर देवालय के घंटे का मधुर स्वर
कहीं दूर पर्वतीय गुफा मे परमेश्वर को पाने का आभास
कहीं दूर अंगड़ाई लेती मौसम की बहार
कहीं कलम से निखरते सुन्दर आलाप
काश ये सब मेरी जिंदगी का हिस्सा होते
काश ये सब मेरी जिंदगी का हिस्सा होते

कहीं नारी मन मे पलते कोमल सपने
कहीं दूर पुसुश मन मे जन्म लेता आदर्शों का स्वर
रात से सुबह मे बदलने का सुन्दर आभास
कहीं रात मे तारों के खिलने का अनोखा संसार
कहीं माँ की लोरियों मे पलता बचपन का प्यार
कहीं द्वार पर करती एक नार अपने प्रियतम का इन्तजार
काश ये सब मेरी जिंदगी का हिस्सा होते
काश ये सब मेरी जिंदगी का हिस्सा होते

कहीं दूर सीमा पर देश की सुरक्षा मे व्यस्त वीर जवान
दिलों मे पलता जिनके देश प्रेम व समर्पण का विचार
कहीं दूर उनके माँ बाप उनकी लंबी उम्र की दुआयें करते
कहीं दूर प्रियतमा अपने प्रियतम का करती इन्तजार
कहीं देश की सुरक्षा के लिए वीर करते अपने प्राणों को न्योछावर
काश ये सब मेरी जिंदगी का हिस्सा होते
काश ये सब मेरी जिंदगी का हिस्सा होते

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