Monday, 20 January 2014

छटा तेरी निराली मेरे भारत


छटा तेरी निराली मेरे भारत 

छटा तेरी निराली तू लाजबाब है    
गरिमा तेरी निराली तू दुनिया का ताज है

कहते हैं तुझको भारत तू बेमिसाल है
नदियों का देश है तू  नहरों का देश है          

मत पूछो धरती यहाँ की अन्न का भण्डार है
लोग यूं ही तुझे खूबसूरती का समंदर नहीं कहते

भारत है तू , दुनिया की शान है
बसता है यहाँ हिन्दू और मुसलमान है       

काबा है यहाँ , मक्क़ा है यहाँ
कि हर एक के दिल में यहाँ बसता राम है

बात मत पूछो यहाँ देश प्रेम की
कोई घूर के जो देखे तो उसका जीना हराम है

पैदा होते हैं यहाँ सुभाष और बिस्मिल
हर पल यहाँ शहीद होते भगत और सुखदेव हैं

यहाँ के वीरों के देशप्रेम के जज्बे का क्या कहना
डरते हैं आतंक के रखवाले इनसे

चारों ओर मशहूर हैं इनके कारगिल के किस्से
संस्कृति, संस्कार आं है इसकी

पलती है दिलों में इसके रामायण और पलती कुरान है
खिलते हैं पल – पल इसकी धरा पर

नानक, गौतम , महावीर और राम हैं
ये वो देश है जो पूरी दुनिया के माथे का ताज है

पूजे जाते जहां पत्थर बसते पेड़ों में भगवान् हैं
छटा तेरी निराली तू लाजबाब है

गरिमा तेरी निराली तू दुनिया का ताज है
कहते हैं तुझको भारत तू बेमिसाल है

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