Friday 10 January 2014

मेरे पिया


मेरे पिया

मेरे पिया तेरी इनायत हो
तेरा करम तेरी इनायत हो
जियूं तो लेकर सहारा तेरे नाम का
हर सांस पर हो एतबार तेरा
मेरे पिया तेरी इनायत हो
खत लिखूं तुझको तो पढ़ना
गमे फ़िक्र काफूर करना
नाराज़ न हो कभी तबियत मेरी
हो सके तो इतना करम करना
मेरे पिया तेरी इनायत हो
दुआ करता हूँ इस दम से
कि नाम हो जहां में मेरा
खुशबू से मेरे पिया
सराबोर हो आशियाँ मेरा
मेरे पिया तेरी इनायत हो
अफसाना न हो जाए जिंदगी मेरी
मुझ पर मेरे पिया इतना करम करना
अफ़सोस न हो मुझे मेरी इबादत का
दो फूल मेरी किस्मत में भी नज़र करना
मेरे पिया तेरी इनायत हो
आदमियत मेरी जिंदगी का हिस्सा हो जाए
आफत और मुसीबतों से मुझे बचाए रखना
तेरे इख्तियार में है मेरी जिंदगी ए मेरे पिया
मुझे भी दो गज ज़मीन की इजाजत देना
मेरे पिया तेरी इनायत हो
मेरी इबादत मेरा इल्म हो जाए
मेरे हर एक कर्म पर एतबार करना
फिर भी खता हो जाए तो मुझे माफ करना
मेरे पिया तेरी इनायत हो

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