Friday, 10 January 2014

मेरी वीणा का आधार हो जाओ


मेरी वीणा का आधार हो जाओ


मेरी वीणा का आधार हो जाओ
हे वीणाधारिणी मातु शारदे
मेरे ज्ञान का विस्तार हो जाओ
हे ज्ञानदायिनी मातु शारदे
कविता मेरी तुमसे जीवन पाए
हे महाश्वेता मात  शारदे
जीवन प मार्ग धरूं मैं
हे हंसवाहिनी मातु शारदे
संस्कृति , संस्कारों भरा जीवन हो मेरा
हे बाघेश्वरी मात शारदे
चहुँ ओर धरा सुविचार पलें
ऐसा कुछ कर दो मातु सरस्वती
बागिश्वरी बन महको उपवन
हंसवाहिनी मात शारदे
जय श्वेताम्बर वीणा धारिणी
ज्ञान गंगा बन पावन हो उपवन
वाणी अमृत बरसाए
हे वाणी , सरस्वती मातु शारदे
भाषा तुमसे पल्लवित हो कुछ ऐसा हो
हे भाषा भारती मातु सरस्वती
वाणी में कोमलता और सहृदयता
कुछ ऐसा कर दो
हे वाणी हे मातु शारदे
हे बागेश्वरी हे मात सरस्वती

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