आज
के समय परिवर्तन
आज
के समय परिवर्तन को देखो
बदलते
मिजाज़ के इस चमन को देखो
किशोर
जवानी की देहलीज पर
अपने
आपको वृद्ध महसूस कर रहे हैं
इंसान
आज इंसानियत को त्याग
अवसरवादिता
के शिकार हो रहे हैं
मानसिकता
में मानव की
अजीब
सा बदलाव आ गया है
संस्कृति
, संस्कारों को छोड़
अवसरवादिता
वा आधुनिकता की
अंधी
दौड़ भा गया है
मर्यादा
, ताप, भावुकता , आत्मीयता
बीती
बातें हो गयी हैं
आज
का आदमी असहज – असहज सा
नज़र
आ रहा है
बाह्य
आडम्बर ने मानव को आज
भीतर
से खोखला किया है
सह्रदयता
, की जगह वैमनस्यता ने ले ली है
मानव
आज का हास्यास्पद नज़र आ रहा है
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