Tuesday 7 May 2019

गीत लबों पर सजा लूं , फिर चले जाना




गीत लबों पर सजा लूं , फिर चले जाना

गीत लबों पर सजा लूं, फिर चले जाना
चंद लम्हे तुझ संग बिता लूं , फिर चले जाना

नज़रों में तेरी डूब लूं मैं , फिर चले जाना
लबों के तेरे चूम लूं मैं , फिर चले जाना

बाहों को तेरी थाम लूं मैं , फिर चले जाना
कुछ पल बाहों में बिता लूं , फिर चले जाना

कुछ पल तेरी जुल्फ़ें सवारूँ , फिर चले जाना
माथे को तेरे चूम लूं मैं , फिर चले जाना

आहिस्ता – आहिस्ता तेरे करीब आ लूं , फिर चले जाना
दूरियां कुछ पल मिटा लूं , फिर चले जाना

तेरी मुहब्बत में खुद को मजनू कर लूं , फिर चले जाना
तेरी मुस्कान को अपनी अमानत कर लूं , फिर चले जाना

खुशनुमा यादों का कारवाँ सजा लूं , फिर चले जाना
मुहब्बत के खुदा को खुद से मिला दूं , फिर चले जाना

दर्द दिल का मैं मिटा लूं , फिर चले जाना
तुझको मैं तुझसे मिला दूं , फिर चले जाना

गीत लबों पर सजा लूं, फिर चले जाना
चंद लम्हे तुझ संग बिता लूं , फिर चले जाना

नज़रों में तेरी डूब लूं मैं , फिर चले जाना
लबों के तेरे चूम लूं मैं , फिर चले जाना



Friday 3 May 2019

चंद एहसास



1

खुद को कहते थे वो खुदा का नूर 
ये उनका अहं था या उनका गुरूर 

खुदा का बन्दा कहलाने का था उनको अजब शुरूर 
दो चार गम क्या मिले , सारा नशा उनका हो गया काफ़ूर 





हाले दिल अपना उनको सुनाएँ तो न सुनाएँ क्यूं 
अपनी तन्हाइयों से उनको मिलाये तो न मिलाएं क्यूं 
वीरानियों का अजब मंज़र उन्हें दिखाएँ तो न दिखाएँ क्यूं 
उन्हें उनकी खूबसूरती का एहसास कराएं तो न कराएं क्यूं



हमको तुम समझाओ तो , सच की राह दिखलाओ तो


हमको तुम समझाओ तो , सच की राह दिखलाओ तो

हमको तुम समझाओ तो , सच की राह दिखलाओ तो
हमको तुम चंचल न समझो, कर्तव्य राह दिखलाओ तो

हम तो हैं माटी के ढेले , सच्चा रूप हमें दिखलाओ तो
हम क्या जानें सच और झूठ , सच की राह बतलाओ तो

तन से कोमल मन से पावन, हमको खुद से मिलाओ तो
कर सकें हम खुद पर भरोसा , ऐसी राह दिखलाओ तो

हमको भी प्यारी है मंजिल, सही राह बतलाओ तो
गीत बनकर सजें लबों पर, संगीत से हमें सजाओ तो

पावन हो जाये मन हमारे , मन में संस्कार जगाओ तो
धर्म पथ पर बढ़ चलें हम, धर्म की राह दिखलाओ तुम

हमको भी प्यारा है आसमां , सच्ची राह दिखलाओ तुम
हम भी करें इस धरा को पावन, हम पर विश्वास दिखाओ तुम

हम हैं नन्हे  - नन्हे   बालक , सुन्दर रूप से हमें सजाओ तुम
सबके दिल पर राज करें हम, ऐसा कुछ हमें बनाओ तुम


क्यूं कर हो इंसानियत और मानवता तार – तार


क्यूं कर हो इंसानियत और मानवता तार – तार

क्यूं कर हो इंसानियत और मानवता तार – तार
दिल के किसी कोने में इंसानियत का ज़ज्बा जगाएं चलो

क्यूं कर सिसकती साँसों का समंदर हो जाए ये जिन्दगी
किसी की ग़मगीन साँसों पर मुस्कराहट का मरहम लगाएं चलो

बिखरते  - टूटते रिश्तों की दुनिया में उलझ कर रह गयी ये दुनिया
मुहब्बत का एक कारवाँ रोशन कर रिश्तों का एक समंदर सजाएं चलो

खुदा की हर एक कायनात से मुहब्बत का रिश्ता बनाएं चलो
खुदा के बन्दों को मुहब्बत का फ़लसफ़ा समझाएं चलो

करूं कर बुझ जाए किसी के घर का चराग वक़्त – बेवक्त
किसी के सूने आँगन में आशा का दीपक जलाएं चलो

क्यूं कर यूं ही बीत जायें ये जिन्दगी के हसीं पल
अपनी हर पल की कोशिशों को जिन्दगी की अमानत बनाएं चलो

क्यूं कर टुकड़े  - टुकड़े बिखर जायें उम्मीदें और चाहतें
अपनी कोशिशों से जिन्दगी का हर एक पल खूबसूरत बनाएं चलो

क्यूं कर बिखर जाएँ किसी की जिन्दगी के सपने
अपनी कोशिशों से किसी के सपनों का आशियाँ सजाएं चलो




वो कौन है जो


वो कौन है जो

वो कौन है जो , दिल की गहराइयों तक दर्द दे गया
वो कौन है जो जिन्दगी को तन्हाइयों का दर्द दे गया

वो कौन है जो दिल के दर्द की कहानी हो गया
वो कौन है जो मुहब्बत की राह में बेवफाई की कहानी हो गया

वो कौन है जो सिसकती साँसों का समंदर दे गया
वो कौन है जो एक मुस्कराहट पर सारी खुशियाँ ले गया

वो कौन है जिसकी चाह में आज भी धड़क रहा है दिल
वो कौन है जो अपनी बाहों का सहारा हमसे छीन ले गया

वो कौन है जिसकी जुल्फों का सहारा हमे नसीब न हुआ
वो कौन है जो एक मुस्कराहट पर जिन्दगी भर का गम दे गया

वो कौन है जिसकी खूबसूरत यादें आज भी दिल में बाबस्ता हैं
वो कौन है जिसकी चाहत में रातों का चैन खो गया

वो कौन है जिसने मुहब्बत को , मुहब्बत का खुदा कर दिया
वो कौन है जो यादों का एक खूबसूरत समंदर दे गया

वो कौन है जो , दिल की गहराइयों तक दर्द दे गया
वो कौन है जो जिन्दगी को तन्हाइयों का दर्द दे गया

वो कौन है जो दिल के दर्द की कहानी हो गया
वो कौन है जो मुहब्बत की राह में बेवफाई की कहानी हो गया



Wednesday 1 May 2019

अपनी साजिशों से कभी किसी को रुलाना नहीं

मुझे खुद से है आस , लिए जी रहा हूँ ये एहसास



मुझे खुद से है आस , लिए जी रहा हूँ ये एहसास

मुझे खुद से है आस , लिए जी रहा हूँ ये एहसास
खूब निभा रही जिन्दगी मेरा साथ, लिए जी रहा हूँ ये एहसास

आँखों में हैं सपने हज़ार , लिए जी रहा हूँ ये एहसास
मेरी हर कोशिश को मिले उस खुदा का साथ , लिए जी रहा हूँ ये एहसास

मेरी सकारात्मक सोच है मेरे साथ, लिए जी रहा हूँ ये एहसास
हर एक प्रयास को दूंगा आसमा हज़ार, लिए जी रहा हूँ ये एहसास

मेरा साहस होगा मेरी सफलता का आधार , लिए जी रहा हूँ ये एहसास
कह दूंगा अलविदा अपने भीतर के डर को, लिए जी रहा हूँ ये एहसास

जीत लूँगा मैं अपने हर एक सुस्वप्न को, लिए जी रहा हूँ ये एहसास
मेरी आत्मा की पुकार देगी मेरा साथ , लिए जी रहा हूँ ये एहसास

यादों में बहती गंगा से स्वयं को पावन कर लूंगा मैं, लिए जी रहा हूँ ये एहसास
अपने हर एक प्रयास में खिलखिलाहट के रंग भर दूंगा, लिए जी रहा हूँ ये एहसास

मेरे सद्विचार रुपी पंख होंगे मेरे सपनों का आधार , लिए जी रहा हूँ ये एहसास
अपनी उम्मीदों को अपनी मंजिल का आशियाँ बना लूंगा मैं , लिए जी रहा हूँ ये एहसास