क्षणिकायें
कोई
तो रोशन करो
मेरी
तनहा राहों को
कोई
तो पंख दो
मेरे
विचारों को
कोई
तो चुनो
मेरी
राहों के कांटे
कोई
तो मुझे
आसमां
की उड़ान दो
जी
रहा हूँ इस उम्मीद मे
आने
वाला कल मेरा होगा
हर
पल मेरा होगा आसमां मेरा होगा
चीर
कर बढूंगा हवाओं का सीना
मंजिल
मेरी बाहों का हार होगा
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