Tuesday 22 September 2015

साकार करते हैं वो सपने

साकार करते हैं वो सपने

साकार करते हैं वो सपने
अपने परिश्रम के बल से

चूमते हैं वो आसमां
अपने अनुशासन के दम से

सींचते हैं वो भाग्य को अपने
अपने कर्म के बल से

बढ़ते हैं वे राह अभिनन्दन
अपने पराक्रम के दम से

चिंतन में उनके बसे आदर्श
अपने प्रयासों के बल से

चीरते हैं वे अज्ञान रुपी तम को
अपने ज्ञान के दम से

राज करते हैं वे सबके दिलों में
अपने सहृदयता के दम से

डरते नहीं पार कर जाते पर्वत
अपने साहस के दम से

प्रकृति के तले वो जीवन पाते
अपने प्रेम के बल से

पुष्पित करते नव चरित्र वे
अपने आदर्श के दम से

पीर दुखियों की मिटाते वे
मानवता के बल से

दिलों में जगाते देश प्रेम वे
अपने राष्ट्र प्रेम के बल से

साकार करते हैं वो सपने
अपने परिश्रम के बल से

चूमते हैं वो आसमां
अपने अनुशासन के दम से 



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