Sunday 27 September 2015

कर्म की राह पर

कर्म की राह पर

कर्म की राह पर
कर्म का आँचल पकड़
पथ – प्रदर्शक बन
औरों को राहें दिखा

कर्म की प्रधानता
बनाती महान है
सफलता की सीढियां
चूमती चरण सभी के

कर्म के महत्त्व को
बखानते धर्म ग्रन्थ
प्रफुल्लित कर मन को
दिखाते नई राह हैं

कर्महीन बन धरा पर
अस्तित्व पर संकट न बन
जीवन को बंधन मुक्त कर
कर्म धरा पर उतर

कर्म कर अर्जुन महान
कर्म कर गाँधी महान
कर्म कर कलाम महान
कर्म कर तू भी महान बन

पथ – प्रदर्शक बन सभी का
कर्म का विधान बन
कर्म की राह पर
कर्म का आँचल पकड़


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