Friday 18 September 2015

अर्थपूर्ण व्यस्तता :- एक सदविचार

अर्थपूर्ण व्यस्तता


सफलता का मूल्न मंत्र जीवन का प्रत्येक क्षण किसी न
किसी कार्य की परिणति होता है | जीवन में लक्ष्य की
प्राप्ति का सबसे सरल और सुगम मार्ग है अर्थपूर्ण
व्यस्तता | अर्थात जब भी आप किसी कार्य में व्यस्त
हों उसके पीछे का उद्देश्य पूर्व निश्चित होना चाहिए और
उस कार्य के फलस्वरूप प्रास होने वाले परिणाम का
पूर्वानुमान ज्ञात होना चाहिए | केवल व्यस्त रहना
सफलता प्राप्ति का प्रतीक नहीं हो सकता | व्यस्त रहें
कुछ इस सोच के साथ कि आने वाले कल में, लक्ष्य
की प्रासि में, मंजिल की ओर बढ़ने में, इस
प्रयास का क्‍या योगदान हो सकता है | जीवन
मूल्यवान तो है ही इसे मूल्यवान
बनाए रखने के लिए एवं जीवन की
अर्थपूर्ण प्राप्तियों  के लिए समय इससे ज्यादा मूल्यवान है |
अर्थपूर्ण व्यस्तता तभी संभव है जब हम समय को, समय
प्रबंधन को अपने जीवन क्न , अपने प्रत्येक कर्म का आधार
बनाकर चलें | संकल्प लें ,जो भी समय किसी कार्य पर खर्च
किया जाएगा वह अनुकूल परिणामों की परिणति के रूप में
भविष्य में हमारे सपनों को साकार करेगा | लक्ष्य की प्रासि ,
सपनों का साकार होना , जीवन में अर्थपूर्ण उद्देश्यों की प्रासि,
मंजिल की ओर स्वयं को अनुकूल परिस्थितियों के साथ प्रस्थित
करना, इन सभी उद्देश्यों की प्राप्ति समय प्रबंधन के साथ
तारतम्यता स्थापित करते हुए ,अर्थपूर्ण व्यस्तता को अपने
जीवन का अभिन्‍न अंग बनाएं तभी सफलता कदम चूम सकती
है |







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