पीने वालों की दुनिया भी अजीब होती है
पीने वालों की दुनिया भी अजीब होती है
ख़ुशी हो या गम, होठों पर शराब होती है
जीते हैं ये पीने की खातिर, मरते हैं पीने की खातिर
इनको ये एहसास नहीं, इनके चाहने वालों की जिनगी हराम होती है
पीने वालों अब तो संभलो , पीने में क्या रखा है
पीने वालों की किस्मत खराब होती है
खुदा भी पीने वालों को नापसंद करे
पीने वालों की मिटटी हराम होती है
पीने वालों की ख्वाहिश है केवल पीना
इनकी इस हरकत से घर की इज्जत नीलाम होती है
पीने वाले इस गफलत में जीते हैं
पीने से गम से निजात मिलती है
जाहिल हैं वो जो पीने में मस्त रहते हैं
पीने वालों की जिन्दगी , जहननुम से बदतर होती है
पीने वालों अब तो घर और समाज की सोचो
जो पीते नहीं हैं उनकी जिन्दगी जन्नत सी रोशन होती है.
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