Monday, 7 September 2015

विद्यालय

विद्यालय गर आत्मज्ञान के मंदिर हो
जाएँ

विद्यालय गर आत्म साक्षात्कार का
माध्यम हो जाएँ

विद्यालय गर सत्यम-शिवम्‌-सुन्दरम
का भान कराएं

हम ये मान लें कि विद्यालय विद्या के
मंदिर हो गए हैं

विद्यालय गर वसुधैव कुटुम्बकम का
भाव जगाने लगें

विद्यालय गर आत्मा का रहस्य बताने
लगें

विद्यालय गर आत्मप्रकाश का मार्ग
बताने लगें

हम ये समझें विद्यालय अपने उद्देश्य की
पूर्ति की ओर अग्रसर हैं

विद्यालय गर मानवीय मूल्यों को संजोने
लगें

विद्यालय गर मानव-इश्वरांश का भाव
जगाने लगें

विद्यालय गर आध्यात्म को जीवन का
विशेष अंग बताने लगें

हम ये मानें कि विद्यालय अपने उद्देश्य
में सफल हो रहे हैं

विद्यालय गर राष्ट्र प्रेम की ज्योत जल्लाने
लगें

विद्यालय गर सामाजिकता का पाठ पढ़ाने
लगें

विद्यालय गर जीवन का अर्थ समझाने
लगें

हम समझें कि विद्यालय, संस्कृति व.
संस्कारों को संजोने लगे हैं

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