Sunday 27 September 2015

शिक्षक

शिक्षक

शिक्षक बन शिक्षक सा बन
शिक्षक बन शिक्षक सा बन

बांध न तू, बंधन में जीवन
खोल द्वार ज्ञान के तू इस क्षण

शिक्षक बन शिक्षक सा बन
शिक्षक बन शिक्षक सा बन

राह दिखा औरों को तू
कर अपना सर्वस्व समर्पण

शिक्षक बन शिक्षक सा बन
शिक्षक बन शिक्षक सा बन

बन दीपक सा , जल दीपक सा
कर सबका उजियारा जीवन

शिक्षक बन शिक्षक सा बन
शिक्षक बन शिक्षक सा बन

जल सूरज सा करे रौशनी
अंधियारा मिट जाए उसी क्षण

शिक्षक बन शिक्षक सा बन
शिक्षक बन शिक्षक सा बन

सदाचार का पाठ पढ़ाये
दे वह छोटे – छोटे उद्धरण

शिक्षक बन शिक्षक सा बन
शिक्षक बन शिक्षक सा बन

काल करे को अभी कराये
हो जाएँ सब सफल उसी क्षण

शिक्षक बन शिक्षक सा बन
शिक्षक बन शिक्षक सा बन
फैले उजियारा सबके जीवन में
जो जले तेल सा दीपक के संग

शिक्षक बन शिक्षक सा बन
शिक्षक बन शिक्षक सा बन

भाग्य विधाता वह कहलाये
करे ज्ञान को हर क्षण तर्पण

शिक्षक बन शिक्षक सा बन
शिक्षक बन शिक्षक सा बन

भटकों को जो राह दिखाए
पुण्यमूर्ति बन जाए तत्क्षण

शिक्षक बन शिक्षक सा बन
शिक्षक बन शिक्षक सा बन

मातृभूमि को स्वर्ग बनाए
विश्व धरा पर जो छा जाए

शिक्षक बन शिक्षक सा बन
शिक्षक बन शिक्षक सा बन





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