Sunday, 13 September 2015

सुबह सवेरे उठ तुम

सुबह सवेरे उठ तुम

सुबह सवेरे उठ तुम , धरती माँ को प्रणाम करो
हाथ जोड़कर अंतर्मन से , अपने ईष्ट  का अपने ध्यान करो

मात--पिता का ले आशीष , शुभ तुम अपने काम करो.
सुबह सवेरे उठ तुम , धरती माँ को प्रणाम करो

हर पल है  तुमको बढ़ते रहना , बिलकुल न विश्राम करो
सुबह सवेरे करो पढ़ाई , गुरु का अपने ध्यान करो

सुबह सवेरे उठ तुम , धरती माँ को प्रणाम करो
संकल्प राह पर बढ़ते रहना , मंजिल को अपने ध्यान धरो 

अभिमानी बिलकुल न होना , सादा जीवन पान करो.
सुबह सवेरे उठ तुम , धरती माँ को प्रणाम करो

लोगों से तुम लेकर प्रेरणा, आदर्श मार्ग का ध्यान धरो
कर्तव्य मार्ग पर बढ़ते रहना , पुरस्कार न ध्यान धरो

सुबह सवेरे उठ तुम , धरती माँ को प्रणाम करो
हाथ जोड़कर अंतर्मन से , अपने ईष्ट  का अपने ध्यान करो

मात--पिता का ले आशीष , शुभ तुम अपने काम करो.
सुबह सवेरे उठ तुम , धरती माँ को प्रणाम करो




No comments:

Post a Comment