सुबह सवेरे उठ तुम
सुबह सवेरे उठ तुम , धरती माँ को प्रणाम करो
हाथ जोड़कर अंतर्मन से , अपने ईष्ट का अपने ध्यान करो
मात--पिता का ले आशीष , शुभ तुम अपने काम करो.
सुबह सवेरे उठ तुम , धरती माँ को प्रणाम करो
हर पल है तुमको बढ़ते रहना , बिलकुल न विश्राम करो
सुबह सवेरे करो पढ़ाई , गुरु का अपने ध्यान करो
सुबह सवेरे उठ तुम , धरती माँ को प्रणाम करो
संकल्प राह पर बढ़ते रहना , मंजिल को अपने ध्यान धरो
अभिमानी बिलकुल न होना , सादा जीवन पान करो.
सुबह सवेरे उठ तुम , धरती माँ को प्रणाम करो
लोगों से तुम लेकर प्रेरणा, आदर्श मार्ग का ध्यान धरो
कर्तव्य मार्ग पर बढ़ते रहना , पुरस्कार न ध्यान धरो
सुबह सवेरे उठ तुम , धरती माँ को प्रणाम करो
हाथ जोड़कर अंतर्मन से , अपने ईष्ट का अपने ध्यान करो
मात--पिता का ले आशीष , शुभ तुम अपने काम करो.
सुबह सवेरे उठ तुम , धरती माँ को प्रणाम करो
No comments:
Post a Comment