मुहब्बत के चंद पल
मुहब्बत के चंद पल
मेरे जीने का सामान हो गए
हम एक दूसरे में इतना खो गए
कि बदनाम हो गए
सूझता नहीं था एक दूसरे के सिवा कुछ हमको
हुआ यूं कि हम सरे आम हो गए
उनकी आगोश एहसासे - जन्नत थी
ये देख कई आशिके-आबारा हैरान हो गए
उनकी आँखों ने किया हमको मुहब्बत का खुदा
यूं ही नहीं हम बदनाम हो गए
इम्तिहां और मुहब्बत के अमी बाकी थे.
खुदा की निगाह में हम पैगामे-मुहब्बत हो गए
इश्क की नजाकत क्या बयाँ करें हम
यूं ही नहीं किसी के दिल का हम अरमान हो गए
करम खुदा का हमारी मुहब्बत पर कुछ इस तरह हुआ
चंद दिनों में ही हम खुदा के दर का चिरागे-इश्क हो गए
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