Sunday 13 September 2015

नए सदविचार

१.

शिक्षा मनुष्य को अज्ञान के अंधे कुएं से
बाहर निकालकर प्रकाश रूप ज्ञान की ओर
मुखरित करती है |


२.


कृतज्ञता व्यक्त करना एक स्वाभाविक प्रक्रिया होनी
अत्यंत आवश्यक है | इससे दूसरों के प्रति शुभ इच्छा
रखने वाले व्यक्ति को भविष्य में  भी इसे अपने आचार-
विचार का हिस्सा बनाने में मदद मिलती है | और वह
जन कल्याण को ही अपने जीवन का लक्ष्य बना लेता है |

3.

अच्छा परिणाम, किये गए प्रयासों से
ज्यादा प्रभावित नहीं होता, वह प्रभावित
होता है आत्मविश्वास से |


4.

समाधि में स्थित मनुष्य के लिए जय-पराजय ,
सुख-दुःख, समाज, परिवार , मोह , लोभ आदि
विषय गौण हो जाते हैं | वह केवल मोक्ष की प्राति
की ओर अग्रसर होता है | यह असाधारण मानव की
परमात्मा से शुभ मिलन की शुभ अवस्था होती है|


5.

किसी  व्यक्ति की प्रशंसा , उसके द्वारा  किये गए प्रयासों

का सुइच्छित  परिणाम की तारीफ़ तो है ही ,

साथ ही साथ यह मनुष्य को श्रेष्ठ से श्रेष्ठतम 

की ओर ले जाता है |













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