भोले के दरबार से कोई खाली
नहीं जाता
भोले के दरबार से कोई खाली
नहीं जाता
जो भी भोले के दर पर आता,
मांगी मुरादें पाता
भोले की महिमा तुमको, क्या
सुनाएँ हम
जो भी करे उनको याद, भवसागर
है तर जाता
भोले हैं दिल के कोमल , हैं
सबके सहारे
जो भी है शीश नवाता, सुख संपत्ति पाता
कायल हैं सभी उनकी , सादगी
को देखकर
जो भी है उनको याद करता,
दुखों से मुक्ति पाता
भोले के चरणों का, मिल जाए
जो सहारा
जो भी महिमा तेरी गाता ,
भाग्य संवर जाता
शंकर हो कष्टहर्ता , सुख
संपत्ति कर्ता
जो भी तुमको ध्याता, जीवन
संवर जाता
भोले तेरी महिमा अनुपम, छटा
है तेरी निराली
जो भी तेरे चरणों में आता ,
पुण्य हो जाता
भोले तुम हो भोले, मन से
तुम हो पावन
जो भी तुमको पूजे, मांगी
मुरादें पाता
कीर्ति हो तुमसे रोशन, रोशन
जहां सभी का
जो भी शरण तेरी आता , परलोक
सुधर जाता
भोले के दरबार से कोई खाली
नहीं जाता
जो भी भोले के दर पर आता,
मांगी मुरादें पाता
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