Friday 4 September 2015

सदविचार - अनिल कुमार गुप्ता के स्वतंत्र विचार

सदविचार ( मेरे स्वतंत्र विचार )


« पुरस्कार मनुष्य को कार्य को श्रेष्ठठतम तरीके से संपन्‍न करने की
प्रेरणा का प्रमाण है |

« किसी दुराचारी के प्रति सदाचरण उस दुराचारी को भी सदाचरण
हेतु प्रेरित कर सकता है |

« लोभ की तीव्रता व्यक्ति को सत्मार्ग से कुमार्ग की ओर प्रस्थित
करती है |

« एक क्षण की सहानुभूति मनुष्य को महान दुःख से बाहर लाने
में ठीक उसी तरह मदद करती है जिस तरह डूबते व्यक्ति को
तिनके का सहारा |

« श्रेष्ठ आलोचक वही है जिसके द्वारा की गयी आलोचना से व्यक्ति
प्रेरित होकर श्रेष्ठ से श्रेष्चततम की ओर पदार्पण करे |

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