Sunday 13 September 2015

पीने वालों को खबर क्या

पीने वालों को खबर क्या 

पीने वालों को खबर क्या , जिन्दगी क्या चीज हैं

पीते हैं , पीते हैं , पीते हैं, बस पीते हैं
होश में आते नहीं, होश में  रहते नहीं

पीने वालों को खबर क्या , जिन्दगी क्या चीज है.

चार घूँट जाम के पीके , भूल जाते हैं  ये सब 
ये क्या जानें ये क्या मानें , खुदाई क्या चीज है 

पीने वालों को खबर क्या , जिन्दगी क्या  चीज है.

इनकी दुनिया भी अजब, होती है मेरे दोस्तों
पीना इनका ईमान है , पीना इनकी खुदाई 

पीने वालों को खबर क्या , जिन्दगी क्या  चीज है.

पीते हैं, सो जीते हैं, जीते हैं , सो पीते हैं
पीने वालों को खबर क्या , जिन्दगी क्या  चीज है.

पीने वालों को खबर क्या , जिन्दगी क्या चीज हैं




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