Sunday, 20 September 2015

रोशन करोगे जो किसी का घर - मुक्तक

१.

रोशन करोगे जो किसी का घर,
आशियाँ तुमको होगा नसीब

देश हित जो होगे न्योछावर,
शहीद कहलाना होगा नसीब

जियोगे जो औरों की खातिर,
अभिनंदन तुमको होगा नसीब

प्रकृति से जों करोगे आलिंगन,
पीढ़ियों की दुआएं तुमको होंगी नसीब



२.

किसी की राह के कांटे जो हटाओगे,
लोगों को इंसानियत का पाठ सिखलाओगे

करोगे किसी की अँधेरी रात मैं उजाला,
लोगों को मानवता का पाठ पढ़ाओगे

करोगे प्रकृति के नियमों का जो सम्मान ,
प्रकृति के आँचल तले जीवन पाओगे

संस्कृति और संस्कारों का जो करोगे सम्मान,
आने वाली पीढ़ियों से सम्मान पाओगे की

3.

अवगुणों से नाता तोड़ो , सदगुण जीवन धारो
अहंकार से नाता तोड़ो , संयमें जीवन धारो

परिणामों की चिंता छोड़ो , संकल्प जीवन धारो
पराजय का भाव छोड़ो, कर्म राह तुम धारो

4.


अनुकरण  तुम उसका करना, जीवन को प्रकाश मिले 
अधिनायक उसको करना, जीवन को नई राह मिले

अभिवादन तुम उसका करना, जीवन अभिनंदन राह मिले
अनुभूति तुम उसकी करना, जीवन मोक्ष मार्ग वरे




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