Thursday 25 December 2014

नेकी को करके भूल जा , करके परोपकार



नेकी को करके भूल जा , करके 

परोपकार 
 


नेकी को करके भूल जा , करके 

परोपकार 
 
राहें इंसानियत की , करें तेरा

 अभिनन्दन 
 
खुद पर कर भरोसा और राह हो

 नेकी 
 
राह मानवता की , करें तेरा वंदन


लोगों के लिए दिल में , जगा तू 

संवेदना 
 
खुदा ने तुझको भेजा , देकर ये

 प्रयोजन
 
निष्काम भाव से , तुम सेवा करो 

सदा 
 
सम्मान मिले तुझको , हो तेरा

 अभिनन्दन


चन्दन की खोज में , तुम न भटकना
 
ख़ुद को खोजना , खुद को परखना
 
स्वयं के अस्तित्व पर तुम न 

लजाना 
 
सत्यपथगामी हो तुम स्वयं को 

तराशना


संवेदनशील हो दूसरों पर अनुग्रह 

करना 
 
दयावान हो दूसरों की मदद करना
 
कर्मपथ पर बढ़ना , सत्कर्म करना
 
सागर सा विशाल ह्रदय ले तुम 

विचरना


प्रकृति से अपनी तुम अनुराग रखना
 
पुष्पों की खुशबू अपने पास रखना 
 
पेड़ों से कहना , बहाओ चंचल 

हवाएं 
 
झरनों का संगीत , मन में बसाना


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