नेकी
को करके भूल जा ,
करके
परोपकार
नेकी
को करके भूल जा ,
करके
परोपकार
राहें
इंसानियत की ,
करें
तेरा
अभिनन्दन
खुद
पर कर भरोसा और राह हो
नेकी
राह
मानवता की ,
करें
तेरा वंदन
लोगों
के लिए दिल में ,
जगा
तू
संवेदना
खुदा
ने तुझको भेजा ,
देकर
ये
प्रयोजन
निष्काम
भाव से ,
तुम
सेवा करो
सदा
सम्मान
मिले तुझको ,
हो
तेरा
अभिनन्दन
चन्दन
की खोज में ,
तुम
न भटकना
ख़ुद
को खोजना ,
खुद
को परखना
स्वयं
के अस्तित्व पर तुम न
लजाना
सत्यपथगामी
हो तुम स्वयं को
तराशना
संवेदनशील
हो दूसरों पर अनुग्रह
करना
दयावान
हो दूसरों की मदद करना
कर्मपथ
पर बढ़ना ,
सत्कर्म
करना
सागर
सा विशाल ह्रदय ले तुम
विचरना
प्रकृति
से अपनी तुम अनुराग रखना
पुष्पों
की खुशबू अपने पास रखना
पेड़ों
से कहना ,
बहाओ
चंचल
हवाएं
झरनों
का संगीत ,
मन
में बसाना
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