आनंद
और इच्छा में उलझ जाओगे
आनंद
और इच्छा में उलझ जाओगे
तो
राह भटक जाओगे
अहंकार
और अभिमानी हो जाओगे
तो
सब कुछ गँवाओगे
नैतिकता
की राह न चलोगे
तो
पथ भृष्ट हो जाओगे
कपट
और चालाकी का सहारा लोगे
तो
दलदल में डूब जाओगे
कर्तव्य
राह को अपना मुकद्दर बनाओगे
तो
शिखर को पाओगे
नैतिकता
की राह चलोगे
तो
दूसरों के दिलों में बस जाओगे
पालोगे
जो दिल में इंसानियत का ज़ज्बा
तो
देवदूत कहलाओगे
मिटोगे
जो देश प्रेम हित
तो
शहीद कहलाओगे
सादा
जीवन जियोगे
तो
उच्च विचार पाओगे
जिन्दगी
को खेल समझोगे
तो
नष्ट हो जाओगे
परिणाम
की चिंता करोगे
तो
भटक जाओगे
निष्कपट
जीवन जियोगे
तो
आदर्श पुरुष कहलाओगे
दूसरों
का सम्मान करोगे
तो
सम्मान पाओगे
इच्छा
,
लालसा
में न उलझे
तो
जीवन पाओगे
दिल
में उम्मीद जगा कर देखो
मंजिल
को करीब पाओगे
इबादत
की राह चलोगे
तो
खुदा को करीब पाओगे
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