Sunday 28 December 2014

हे प्रभु मेरी विनती सुन लो , प्रभु दर्शन की आस जगा दो


हे प्रभु मेरी विनती सुन लो , प्रभु दर्शन की आस जगा दो


हे प्रभु मेरी विनती सुन लो , प्रभु दर्शन की आस जगा दो
 
मुख मंडल की शोभा न्यारी , प्रभु अपनी छवि हेमे दिखा दो
 

चरण कमल हम आये तुम्हारी , ह्रदय से अपने प्रभु लगा लो
 
तुम हो सबके दुःख के साथी , बीच भंवर से पार लगा दो
 

सच की हमको राह दिखा दो , मन दर्पण को पावन कर दो
 
पुष्पों की खुशबू सा जीवन , उपवन का हमको फूल बना दो
 

सुन्दर मन , काया हो सुन्दर , हे प्रभु नैया पार लगा दो
 
रत्नाकर सा व्यापक हो ह्रदय , संस्कारों की राह दिखा दो
 

मन पावन हो जाए प्रभु जी , धन , वैभव अम्बार लगा दो
 
भक्ति रस से सरावोर हो जीवन , चरण कमल प्रभु पास बिठा लो
 

मंगल कर्म सभी हों मेरे , जीवन मुक्ति मार्ग दिखा दो

हर्षित हो मन , हर्षित हो तन , ऐसे प्रभु मेरे भाग्य जगा दो
 

सूर्य सा प्रभु तेज हो मेरा , ऐसे आसमां पर मुझे बिठा दो
 
संसार मोह से मुक्त करो प्रभु, जीवन को सत राह दिखा दो
 

मन हो निर्मल, कर्म हो मंगल , ऐसे पुण्य प्रयास करा दो
 
बन जाऊं मैं पूर्ण सन्यासी , वन हेतु प्रस्थान करा दो
 

मंगल कारज पूर्ण करो सब , मंगल कार्यों में मुझे लगा दो
 
माया मोह में मैं उलझूं , प्रभु मुझको तुम राह दिखा दो
 

हे प्रभु मेरी विनती सुन लो , प्रभु दर्शन की आस जगा दो
 
मुख मंडल की शोभा न्यारी , प्रभु अपनी छवि हेमे दिखा दो


No comments:

Post a Comment