बंद
लिफाफों में न करो कैद
जिन्दगी को
बंद
लिफाफों में न करो कैद
जिन्दगी को
आसमां
तुम्हारा है ,
उड़ान
भरकर देखो
जीवन
का उत्कर्ष ,
साहस
,
शक्ति
,
उमंग
का एहसास
इसे
व्यर्थ न गंवाओ तुम
सपने
तुम्हारे अपने हैं ,
उड़ान भरकर देखो
जीवन
का उत्कर्ष ,
चांदनी
सी
शीतलता ,
वायु
सा वेग और जल
सी निश्छलता
क्यों
फिर रहे हो आवारा बादलों से
गगन
विशाल है ,
उड़ान
भरकर देखो
अनमोल
होती है निंदिया ,
यूं
ही
जाग – जाग रातें न बिताओ
तुम
सपनों
का गगन व्यापक है ,
उड़ान भरकर देखो
क्यों
दुःख के उस पार ,
दुःख
को
खोज रहे हो तुम
स्वयं
के अंतर्मन को पंख दो ,
उड़ान
भरकर देखो
अपने
किरदार से परिचय क्यों नहीं
हो रहा तुम्हारा
स्वयं
को सजाओ,
संवारो
,
उड़ान भरकर देखो
तुम्हें
अपनी मंजिल का क्यों हो
रहा
भान नहीं
जीवन
की सार्थकता ,
सत्कर्म
से
परिपूर्ण आसमां में निहित है ,
उड़ान भरकर देखो
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