Wednesday, 24 December 2014

तेरी आंखों मे मेरा प्यार नज़र आये तो अच्छा


तेरी आंखों मे मेरा प्यार नज़र आये तो अच्छा

 

तेरी आंखों मे मेरा प्यार नज़र आये तो अच्छा
 
तुझे मुझ पर एतबार हो जाए तो अच्छा
 

चाँद सितारे तेरी राहों में बिखर जाएँ तो अच्छा
 
तू उस खुदा का चश्मोचिराग हो जाए तो अच्छा
 

तुझ पर किसी की बुरी नज़र का हो असर
 
तेरी हर रात जन्नत सी रोशन हो जाए तो अच्छा
 

किवाड़ की ओट से झांककर क्यों देखते हो मुझे
 
चलो एक दूसरे से रूबरू हो जाएँ तो अच्छा
 

पाक दामन होती हैं मुहब्बते वादियों की फिजां
 
चलो एक दूसरे में हम समा जाएँ तो अच्छा
 

कुछ ऐसा हो जाए बेहतर , यूं छुपछुपकर मिलने से
 
तरकीब बता दो मुझे , तेरे दीदार की सनम
 

नाउम्मीद नहीं हुआ हूँ मैं , तेरे बारे में सोचकर
 
खुदा केरे हम दोनों का मिलन हो जाए तो अच्छा
 

खुश हो रहे हैं लोग आसमां के चाँद को देखकर
 
मेरा चाँद तुम्हीं हो सनम , ये जान लो तो अच्छा
 

नाकाम हुए हैं वो , जिन्हें खुद पर था यकीन

हमारी मुहब्बत को किसी की नज़र लगे तो अच्छा
 

ज़माने को पसंद नहीं हमारा , जुनुनेमुहब्बत
 
चलो कहीं दूर मुहब्बत का आशियाँ बना लें तो अच्छा



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