रक्त
को उबाल दो
रक्त
को उबाल दो
देश
हित वार दो
पौरुष
से खुद को सजा
देश
पर निसार दो
चंद्रहास
हाथ ले
दुश्मनों
के हृदय चीर दो
देश
प्रेम हित जियो
देश
के लिए मरो
यूं
ही विलाप मत करो
देश
पथ पर चलो
मुसीबतों
से न डरो
बुलंद
खुद को करो
आँधियों
का डर छोड़कर
देश
हित तुम बढ़ो
देश
को समझो सर्वोपरि
देश
पर मिटे चलो
उम्मीद
तुम न छोड़ना
देश
से दिल जोड़ना
कुर्बान
हों हम देश पर
ऐसे
विचार तुम धरो
कहानी
न हो ये जिन्दगी
शहीदों
की राह पर चलो
ख्वाहिशों
की राह छोड़कर
प्यार
देश से करो
नौजवानों
आगे बढ़
देश
पर मिटे चलो
दुश्मनों
को पस्त तुम करो
नामुमकिन
हर ख़्वाब तुम करो
देश
पर जो मर मिटोगे
तुम
शहीदों में होगा नाम
जिन्दगी
हो जायेगी पाकीजा तेरी
करेंगे
तुझे सब सलाम
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