Wednesday, 3 December 2014

कविता जो जीने का मर्म बताये

कविता जो जीने का मर्म बताये

कविता जो जीने का मर्म बताये
कविता जो जीवन में राग जगाये
कविता जो पुष्पों की भाँति महके
कविता जो मन में आस जगाये

कविता जो पावन संस्कार जगाये
कविता जो भंवरों सी गुनगुनाये
कविता जो रोते हंसाये
कविता जो जीने की राह दिखाए

कविता जो उपासना का अर्थ समझाए
कविता जो पिया मिलन की आस जगाये
कविता जो देश प्रेम के गीत बन जाये
कविता जो नारी सौन्दर्य का आइना हो जाए

कविता जो प्रेम का अर्थ बताये
कविता जो भक्ति मार्ग दिखाए
कविता जो परमेश्वर का आलाप हो जाए
कविता जो सत्य का आकाश हो जाए

कविता जो वात्सल्य की झंकार हो जाए
कविता जो सुहागिन का सौभाग्य बन महके
कविता जो प्रेरणा का स्रोत हो जाए
कविता जो मानव को मानवता का आइना दिखाए

कविता जो जीने का मर्म बताये
कविता जो जीवन में राग जगाये
कविता जो पुष्पों की भाँति महके
कविता जो मन में आस जगाये


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