Friday 13 February 2015

देखने का नज़रिया बदला , सोचने का नजरिया बदला

देखने का नज़रिया बदला , सोचने का नजरिया बदला

देखने का नज़रिया बदला , सोचने का नजरिया बदला
पी रहे हैं सब , जीने का नजरिया बदला

देखने का नज़रिया बदला , सोचने का नजरिया बदला

आँखों में शर्म नहीं ,समाज हित कर्म नहीं
भागते फिर रहे हैं सब , जीने का नज़रिया बदला

देखने का नज़रिया बदला , सोचने का नजरिया बदला

लिविंग इन रिलेशन का नशा , सामाजिक बंधन से भागते युवा
सम्बन्ध निभाने की कोशिश कर रहे हैं सब , सोचने का नजरिया बदला

देखने का नज़रिया बदला , सोचने का नजरिया बदला

संस्कृति और संस्कारों की बात अब करता नहीं कोई
आदर्शों की राह अब चलता नहीं कोई , जीने का नजरिया बदला

देखने का नज़रिया बदला , सोचने का नजरिया बदला

आधुनिक विचारों का समंदर होती जा रहे युवा पीढ़ी
बुजुर्गों का हो रहा अपमान  , देखने का नजरिया बदला

देखने का नज़रिया बदला , सोचने का नजरिया बदला

देवालयों को छोड़ बार और इन्टरनेट कैफे का रुख करने लगे हैं लोग
संस्कारों पर हो रहा अतिक्रमण , सोचने का नजरिया बदला

देखने का नज़रिया बदला , सोचने का नजरिया बदला

बड़े – बड़े पैकजों की और लालची निगाहों से घूरती युवा पीढ़ी
जिन्दगी से शांति और चैन काफूर , जीने का नज़रिया बदला

देखने का नज़रिया बदला , सोचने का नजरिया बदला

महंगी – महंगी शादियाँ और पैलशों का चलता दौर नया
बढ़ती सामाजिक असमानता और अपराधीकरण का दौर नया

देखने का नज़रिया बदला , सोचने का नजरिया बदला

सांत्वना , आश्वासन  दिलाशा ढूंढते स्वयं के अस्तित्व को
क्षीण होती संवेदनायें , अवसरवादिता का दौर नया

देखने का नज़रिया बदला , सोचने का नजरिया बदला

इंसानियत और मानवता एक दुसरे के अस्तित्व को टटोलते फिर रहे
आये दिन हो रहे चीरहरण , जीने का नजरिया बदला

देखने का नज़रिया बदला , सोचने का नजरिया बदला

पी रहे हैं सभी , जिन्दगी जीने का नज़रिया बदला 

No comments:

Post a Comment