१.
अजीब कशमकश के दौर से गुजर रहे हैं हम
चाहकर भी किसी की अँधेरी रात में रोशनी नहीं कर रहे हैं हम
अफसाना हो गयी हैं उस दौर की बीती बातें
आजा किसी गिरते को सहारा नहीं दे रहे है हम
२.
अरमां तो थे किसी की आँखों के नूर हो जायें
पर किसी के होठों पर मुस्कान बिखेर नहीं रहे हैं हम
अपनी ही मुसीबतों का रोना पीटते हैं हम
किसी रोते को हंसाते नहीं हैं हम
3.
तेरी रहमत तेरे करम की आरज़ू हमको
तेरे रहम तेरी जन्नत की आरज़ू हमको
आशिक हो जाएँ तेरे , इबादत में तेरी
तेरे दीदार तेरे आसरे की आरज़ू हमको
4.
ये इत्तफाक है या मेरी किस्मत ऐ मेरे खुदा
तेरी इबादत के नूर से रोशन आशियां मेरा
ईमान मेरा ,तेरे करम से तेरी अमानत हो गया
मेरी खुशनसीबी है कि मैं तुझ पर कुर्बान हो गया
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