Wednesday, 4 February 2015

हर एक शै में तेरा अश्क नज़र आता है

हर एक शै में तेरा अश्क नज़र आता है
जहां भी देखूं तेरा एहसास नज़र आता है
एक तेरे करम से जी रहे हैं सभी
हर एक के दिल में तू ही तू नज़र आता है

बारिश की बूंदों में तेरा अश्क दिखे
गुलशने बहार में भी तेरा अश्क नज़र आता है
भंवरों की गुंजन में इबादते संगीत नज़र आता है
माँ की लोरियों में भी तेरा एहसास नजारा आता है

नासमझ हैं सभी ये पता है मुझको
हर एक नसीहत में तेरा करम नज़र आता है
परवरिश करता है तू दिल का टुकड़ा समझ अपना
हर एक शख्स में फ़रिश्ता नज़र आता है 


No comments:

Post a Comment