वाणी
में जो शीतलता होगी , चरित्र ओजस्वी हो जायेंगे
वाणी
में जो शीतलता होगी , चरित्र ओजस्वी हो जायेंगे
विचारों
में जो सात्विकता होगी , चरित्र कुसुमित हो जायेंगे
सांस्कृतिक
धरोहर से परिपूर्ण जो जिन्दगी होगी , चरित्र संस्कारित हो जायेंगे
कर्मों
में जो धार्मिकता होगी , चतित्र आध्यात्मिक हो जायेंगे
अनुकरणीय
जो विचार हो जायेंगे , चरित्र अलंकृत हो जायेंगे
विचार
जब उपासना का विषय हो जायेंगे , चरित्र तपस्वी हो जायेंगे
प्रयास
जब मर्यादित हो जायेंगे , चरित्र सात्विक हो जायेंगे
संस्कार
जब सत्य का आधार हो जायेंगे , चरित्र उपवन से महक जायेंगे
संयम जब जीवन का आधार हो जाएगा ,
सुविचार पल्लवित हो जायेंगे
मोक्ष जब जीवन का उद्देश्य हो जाएगा ,
परलोक सुधर जायेंगे
करुना, प्रेम , दया जब धर्म का आधार हो
जायेंगे , धर्म मानवता के गुण गायेंगे
मानव मन जब नैतिकता का परचम लहरायेंगे ,
चरित्र सुन्दरतम हो जायेंगे
अनमोल जो विचार हो जायेंगे , चरित्र
अमर हो जायेंगे
जीवन में जो आस्तिकता होगी , चरित्र
उस खुदा की धरोहर हो जायेंगे
अनुशासित जो विचार हो जायेंगे ,
चरित्र आदरणीय हो जायेंगे
पल्लवित जो सुविचार हो जायेंगे ,
चरित्र अभिनन्दन मार्ग को पायेंगे
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