Wednesday, 4 February 2015

वाणी में जो शीतलता होगी , चरित्र ओजस्वी हो जायेंगे

वाणी में जो शीतलता होगी , चरित्र ओजस्वी हो जायेंगे

वाणी में जो शीतलता होगी , चरित्र ओजस्वी हो जायेंगे
विचारों में जो सात्विकता होगी , चरित्र कुसुमित हो जायेंगे
सांस्कृतिक धरोहर से परिपूर्ण जो जिन्दगी होगी , चरित्र संस्कारित हो जायेंगे
कर्मों में जो धार्मिकता होगी , चतित्र आध्यात्मिक हो जायेंगे

अनुकरणीय जो विचार हो जायेंगे , चरित्र अलंकृत हो जायेंगे
विचार जब उपासना का विषय हो जायेंगे , चरित्र तपस्वी हो जायेंगे
प्रयास जब मर्यादित हो जायेंगे , चरित्र सात्विक हो जायेंगे
संस्कार जब सत्य का आधार हो जायेंगे , चरित्र उपवन से महक जायेंगे

संयम जब जीवन का आधार हो जाएगा , सुविचार पल्लवित हो जायेंगे
मोक्ष जब जीवन का उद्देश्य हो जाएगा , परलोक सुधर जायेंगे
करुना, प्रेम , दया जब धर्म का आधार हो जायेंगे , धर्म मानवता के गुण गायेंगे
मानव मन जब नैतिकता का परचम लहरायेंगे , चरित्र सुन्दरतम हो जायेंगे

अनमोल जो विचार हो जायेंगे , चरित्र अमर हो जायेंगे
जीवन में जो आस्तिकता होगी , चरित्र उस खुदा की धरोहर हो जायेंगे
अनुशासित जो विचार हो जायेंगे , चरित्र आदरणीय हो जायेंगे

पल्लवित जो सुविचार हो जायेंगे , चरित्र अभिनन्दन मार्ग को पायेंगे 

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