आत्म निर्भर जो तुम हो जाओगे
आत्म निर्भर जो तुम हो जाओगे
मंजिल को करीब पाओगे
बलशाली जो तुम हो जाओगे
बुराइयों को मिटाओगे
स्वच्छ विचार जो तुम अपनाओगे
समाज को राह दिखाओगे
आदर्शों को जो तुम अपनाओगे
हर जगह सम्मान पाओगे
कर्मपरायण जो तुम हो जाओगे
मन चाहे मनोरथ पाओगे
शिक्षा को जो तुम अपनाओगे
अभिनन्दन मार्ग पर जाओगे
सादा जीवन जो तुम अपनाओगे
स्वच्छ विचार पाओगे
प्रभु को जो तुम दिल में बसाओगे
मुक्ति राह पर जाओगे
आस्तिक जो तुम हो जाओगे
भक्ति मार्ग को पाओगे
स्वाभिमानी जो तुम हो जाओगे
उत्कर्ष मार्ग को पाओगे
सात्विक विचार तुम जो अपनाओगे
सादा जीवन पाओगे
सदाचारी जो तुम हो जाओगे
अभिनन्दन मार्ग को पाओगे
अल्पभाषी जो तुम हो जाओगे
उर्जावान हो जाओगे
मृदुभाषी जो तुम हो जाओगे
सबके दिल में जगह बनाओगे
दूरदर्शी जो तुम हो जाओगे
उच्च शिखर को पाओगे
संवेदनशील जो तुम हो जाओगे
मानवता की ज्योत जगाओगे
निर्विकार जो तुम हो जाओगे
आदर्श तन खिल जाओगे
परोपकारी जो तुम हो जाओगे
इंसानियत की अलख जगाओगे
सेवा को जो तुम धर्म बनाओगे
लोक सेवक हो जाओगे
शुभ इच्छा तुम जो जगाओगे
वन्दनीय हो जाओगे
धार्मिक जो तुम हो जाओगे
धर्म के रक्षक कहलाओगे
सत्य राह जो तुम अपनाओगे
प्रभु के प्यारे हो जाओगे
संकल्प राह तुम जो जाओगे
मंजिल को करीब पाओगे
कर्म राह तुम जो अपनाओगे
उच्च शिखर को पाओगे
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