Tuesday 24 February 2015

आत्म निर्भर जो तुम हो जाओगे


आत्म निर्भर जो तुम हो जाओगे


आत्म निर्भर जो तुम हो जाओगे

मंजिल को करीब पाओगे


बलशाली जो तुम हो जाओगे

बुराइयों को मिटाओगे


स्वच्छ विचार जो तुम अपनाओगे

समाज को राह दिखाओगे

आदर्शों को जो तुम अपनाओगे

हर जगह सम्मान पाओगे


कर्मपरायण जो तुम हो जाओगे

मन चाहे मनोरथ पाओगे

शिक्षा को जो तुम अपनाओगे

अभिनन्दन मार्ग पर जाओगे

सादा जीवन जो तुम अपनाओगे

स्वच्छ विचार पाओगे

प्रभु को जो तुम दिल में बसाओगे

मुक्ति राह पर जाओगे


आस्तिक जो तुम हो जाओगे

भक्ति मार्ग को पाओगे

स्वाभिमानी जो तुम हो जाओगे

उत्कर्ष मार्ग को पाओगे


सात्विक विचार तुम जो अपनाओगे

सादा जीवन पाओगे

सदाचारी जो तुम हो जाओगे

अभिनन्दन मार्ग को पाओगे


अल्पभाषी जो तुम हो जाओगे

उर्जावान हो जाओगे

मृदुभाषी जो तुम हो जाओगे

सबके दिल में जगह बनाओगे

दूरदर्शी जो तुम हो जाओगे

उच्च शिखर को पाओगे

संवेदनशील जो तुम हो जाओगे

मानवता की ज्योत जगाओगे

निर्विकार जो तुम हो जाओगे

आदर्श तन खिल जाओगे

परोपकारी जो तुम हो जाओगे

इंसानियत की अलख जगाओगे


सेवा को जो तुम धर्म बनाओगे

लोक सेवक हो जाओगे

शुभ इच्छा तुम जो जगाओगे

वन्दनीय हो जाओगे

धार्मिक जो तुम हो जाओगे

धर्म के रक्षक कहलाओगे

सत्य राह जो तुम अपनाओगे

प्रभु के प्यारे हो जाओगे

संकल्प राह तुम जो जाओगे

मंजिल को करीब पाओगे

कर्म राह तुम जो अपनाओगे

उच्च शिखर को पाओगे

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