Wednesday 4 February 2015

सपनों को मेरे साकार होना ही होगा

सपनों को मेरे साकार होना ही होगा

सपनों को मेरे साकार होना ही होगा
ख्वाहिशों को मेरी संवारना ही होगा
सितारे गगन में झिलमिलाकर रहेंगे
संघर्षों में मुझको संभालना ही होगा
ज़माने से आगे मुझको निकलना ही होगा
सितारा आसमान का मुझको बनना हे होगा
अरमानों को मेरे सजना ही होगा
खुदा को करम मुझ पर करना ही होगा

गरीबों के आंसुओं को मुझे पीना ही होगा
गिरते हुए राही को मुझे उठाना ही होगा
आशिक उस खुदा का मुझको होना ही होगा
इंसानियत को मुझे गले लगाना ही होगा
प्यार का एक आशियाना बनाना  ही होगा
चंद सिक्के गरीबों पर मुझे लुटाना ही होगा
इबादत में समय मुझे बिताना ही होगा
खुशबू सा महकता चमन मुझको बनाना हे होगा

खुदा को दिल में बसाना ही होगा
प्यार से सबको गले लगना ही होगा
एहसान दूसरे का चुकाना ही होगा
गुरु किसी को अपना बनाना ही होगा
कुदरत से रिश्ता बनाना ही होगा
देश पर खुद को लुटाना ही होगा
कलम से दोस्ती मुझको करनी ही होगी
पाठकों से मुझको रिश्ता बनाना ही होगा

परेशानियों के दौर से गुजरना ही होगा
एक नया आसमान बनाना ही होगा
ख्यालों में उसको लाना ही होगा
किया हुआ वादा निभाना ही होगा
गुजारिश उस खुदा से करनी ही होगी
उसके दर पर खुद को ले जाना ही होगा
गर्दिश के दिन भूलने ही होंगे
आने वाले कल को सजाना ही होगा

गुलिस्तां में कुछ फूल खिलाना ही होगा
इस धरती को चमन बनाना ही होगा
गुलिस्तां को गुलज़ार करना ही होगा
खुशबू से रिश्ता बनाना ही होगा
ग़मों से भी यारी निभानी तो होगी
किसी रोते को हंसाना ही होगा
एक दिन तो इस दुनिया से जाना ही होगा

उस खुदा को मुंह दिखाना ही होगा 

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