Tuesday, 20 January 2015

खिलाओ फूल , खुशबू का मौसम आया


खिलाओ फूल , खुशबू का मौसम 



आया


खिलाओ फूल , खुशबू का मौसम आया
 
खिलाओ फूल , बहारों का मौसम आया 
 


चाँद के शहर में बसाओ एक घर 
 
धरती के परिंदों , चाँद पर रहने का मौसम आया 
 


अपने हाथ की लकीरों में बसा लो किस्मत
 
खुद को रोशन करने का मौसम आया 
 


पिघलते बादलों का इंतज़ार अब ख़त्म हुआ 
 
मन और तन को भिगोने का मौसम आया 
 


अनमोल है धरती अपनी , अनमोल है माटी 

अपनी 
 
खुद को देश प्रेम से , जोड़ने का मौसम आया 
 


जीवन का दर्शन और जीवन में दर्शन
 
खुद को जीवन से मिलाने का मौसम आया 
 


सत्य एक कभी न ख़त्म होने वाली तलाश 
 
सत्य से खुद को परिचित कराने का मौसम आया
 


खिलाओ फूल , खुशबू का मौसम आया 
 
खिलाओ फूल , बहारों का मौसम आया


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