Sunday 4 January 2015

मुझे भी ख्वाहिशों का आसमां अता करना


मुझे भी ख्वाहिशों का आसमां अता करना , पल दो पल के लिए ही सही
मुझे भी अपनी पनाह में लेना , पल दो पल के लिए ही सही
मुझे भी आसमां का सितारा करना , पल दो पल के लिए ही सही
ख़्वाब में ही तेरा दीदार हो , पल दो पल के लिए ही सही

गर्दिश में हों सितारे पर भी , उस खुदा का साथ न छूटे
गुमराह जो हो जाऊं मैं , मेरा भाग्य मुझसे न रूठे
गुजारिश करता हूँ तुझसे , इस दो जहां के शहंशाह
किस्मत जो मेरी रूठ भी जाए , पर तेरा साथ न छूटे

एक तेरे नाम से ही , रोशन हो रही जिन्दगी मेरी
मैं जिस हाल में भी रहूँ , तेरी इबादत आरज़ू हो मेरी
गुमराह या गुमनाम जिन्दगी का , हिस्सा न हो जाऊं कहीं
मेरी ख्वाहिशों को पंख मिले , ये आरज़ू हो मेरी


लोगों की  बेहतरी का ज़ज्बा लिए , कर रहा हूँ मैं इबादत तेरी
लोगों की खिदमत कर सकूं , ये आरज़ू हो मेरी
खलिश के दौर से गुजर रहा है हर एक शख्स
इनके ग़मों को कर कर सकूं , मुझ पर जो नज़र हो तेरी

आहिस्ता आहिस्ता मुझे अपनी पनाह में लेना ऐ मेरे खुदा
अहिस्ता आहिस्ता मुझे अपनी इबादत ,इ लेना ऐ मेरे खुदा
आहिस्ता आहिस्ता मैं तेरे दर का चराग हो जाऊं ऐ मेरे खुदा
आहिस्ता आहिस्ता मुझे तेरा दीदार दे ऐ मेरे खुदा

मेरी बुराइयों को नज़र अंदाज़ करना , अपनी पनाह में लेना
मुझ पर आदिल हो करम करना , मुझे अपनी इबादत में लेना
मुसीबतों के दौर में भी , मैं तेरी राह पर चलूँ
मुझे कठिनाइयों से बचाना , अपनी आगोश में लेना

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