Tuesday, 20 January 2015

रोशन करो मेरी तन्हाइयों को


 
रोशन करो मेरी तन्हाइयों को 

 
रोशन करो मेरी तन्हाइयों को 
 
पल दो पल के लिए
 
 
रोशन करो मेरी तनहा रातों को 
 
पल दो पल के लिए 

 
मेरी स्याह रातों में रंग भर दो 
 
पल दो पल के लिए 

 
मेरे दिल की खामोश साँसों को जीवन दे दो 
 
पल दो पल के लिए 

 
परिंदों की मानिंद मझे भी पंख दे दो 
 
पल दो पल के लिए 

 
प्यासा हूँ , दो बूँद जीवन की दे दो
 
पल दो पल के लिए 

 
कैद हूँ पिंजरे में , मुझे भी उड़ान दे दो 
 
पल दो पल के लिए

 
दो बूँद पानी, इस सूखी नदी को भी दे दो 
 
पल दो पल के लिए 

 
इन सहमी हुई साँसों को , संवेदनाओं का 

मलहम दे दो 
 
पल दो पल के लिए


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