रोशन
करो मेरी तन्हाइयों को
रोशन
करो मेरी तन्हाइयों को
पल
दो पल के लिए
रोशन
करो मेरी तनहा रातों को
पल
दो पल के लिए
मेरी
स्याह रातों में रंग भर दो
पल
दो पल के लिए
मेरे
दिल की खामोश साँसों को जीवन
दे दो
पल
दो पल के लिए
परिंदों
की मानिंद मझे भी पंख दे दो
पल
दो पल के लिए
प्यासा
हूँ ,
दो
बूँद जीवन की दे दो
पल
दो पल के लिए
कैद
हूँ पिंजरे में ,
मुझे
भी उड़ान दे दो
पल
दो पल के लिए
दो
बूँद पानी,
इस
सूखी नदी को भी दे दो
पल
दो पल के लिए
इन
सहमी हुई साँसों को ,
संवेदनाओं
का
मलहम दे दो
पल
दो पल के लिए
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