दुष्कर
कर्म
करो
नहीं
भाई
दुष्कर
कर्म
करो
नहीं
भाई
दिन
आवत
सब
होत
पराई
सफ़ेद
को
काला
करे
,
फिर
भी
धनी
न
होय
जे
सफ़ेद
,
सफ़ेद
रहे
,
तो
दुःख
काहे
को
होय
दुखिया
इस
संसार
में
,
राजा
हो
या
रंक
जब
आवत
दिन
बुरे
,
नहीं
मिलता
किसी
का
संग
आदर
करोगे
तो
आदर
पाओगे
वरना
निरादर
के
समंदर
में
गोते
लगाओगे
जो
पढ़ने
लायक
हो
उसी
को
पढो
वरना
यूं
ही
अपना
समय
व्यर्थ
मत
गंवाओ
उस
प्रभू
की
राह
चले
तो
किसी
का
डर
नहीं
होगा
जो
भटके
प्रभु
राह
तो
तुम्हारा
अस्तित्व
नहीं
होगा
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