मेरी
आँखों के सपने
मेरी
आँखों के सपने ,
तेरी
बाहों के दीवाने
जीते
हैं इस आरज़ू में ,
ये
मुहब्बत के परवाने
खुदा
उन्हें बख्से नूर ,
हमें
मुहब्बत का शुरूर
हम
पर एतबार हो उनको,
सरे
बाज़ार नीलाम न
हो इश्क
मुझे
भी हों मयस्सर ,
तेरे
पल दो पल
इसी
आरज़ू के साथ ,
मेरी
हर सुबह आये
ख्वाहिशों
का ये समंदर ,
कहीं
बिखर न जाए
इंतज़ार
मैं कर रहा तेरा ,
क़यामत
की रात तो
आये
खिला
कर चहरे पर मुस्कान ,
मुझको
न रुला
देना
मुझे
एतबार है तुझ पर ,
मेरे
सपनों की
शहजादी
ये
बारिश मुझको कर रही है और भी
दीवाना
तू
आये तो किसी बहाने से ही आ जाए
ये
आंखें नाम न हो जाएँ तेरे इंतज़ार
में
तू
मेरी साँसों में बस जा ,
इस
दिल को करार
आये
मैं
पूजता हूँ तुझको ,
उस
खुदा की मानिंद
मेरे
सपनों को कर रोशन ,
जीवन
ए बहार आये
No comments:
Post a Comment