निराली
है
उसकी
शान
,
वो
बेमिसाल
है
हर
साख
,
हर
पत्ते
पे
लिखा
उसका
नाम
है
अपने
नज़रे
करम
से
,
वो
नवाजता
हमें
कहते
हैं
खुदा
उसको
,
वो
कारसाज़
है
नाउम्मीद
नहीं
हूँ
मैं
,
तेरी
इबादत
से
ऐ
मेरे
खुदा
निगेहबान
है
तू
,
तेरी
निगाह
में
बराबर
हैं
सभी
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