Saturday, 17 January 2015

मेरी जागीर तेरी इबादत हो ऐ मेरे खुदा

मेरी जागीर तेरी इबादत हो ऐ मेरे खुदा


  मेरी जागीर तेरी इबादत हो ऐ मेरे खुदा
मेरी हर एक ख्वाहिश , तुझसे जुदा न हो ऐ मेरे खुदा
पाक – साफ़ हो शख्सियत मेरी ऐ मेरे खुदा
जन्नत नसीब हो तेरे करम से ऐ मेरे खुदा

जब तक रहें साँसें इबादत करूं तेरी ऐ मेरे खुदा
मैं गुनगुनाऊँ तुझको जब तक साँसें रहें मेरी ऐ मेरे खुदा
मेरी जुबां प्र तेरा नाम क़यामत तक रहे ऐ मेरे खुदा
मेरी जिन्दगी तेरे नूर से रोशन हो ऐ मेरे खुदा

खुदा की राह ,खुदा की इबादत हो तुझको
खुदा से फेर लिया मुंह कि दो जहां से गए

गर अंजाम की परवाह न हो तुझको
कहीं ऐसा न हो अफसाना  हो जाए जिन्दगी तेरी

आदमियत बरकरार रहे कुछ तो कर
जिन्दगी पर खुदा यूं ही मेहरबान नहीं होता

आदिल हैं वो खुदा उस पर एतबार कर
आजमाईश जो किया तो जहन्नुम नसीब हो

आशिक हो उस खुदा का , उसके नज़रों करम का

सितारे किसी की किस्मत के यूं ही नहीं चमका करते 

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