बाज़ारों
में
मेले
लगने
लगे
हैं
बाज़ारों
में
मेले
लगने
लगे
हैं
जेबों
में
पैसे
खनकने
लगे
हैं
कहीं
चूड़ियों
की
हो
रही
खनखनाहट
कहीं
खरीदारों
के
रेले
लगे
हैं
परियों
सी
गुड़िया
की
बातें
न
पूछो
बच्चों
का
मन
ये
लुभाने
लगी
हैं
खिलोनों
को
देखकर
बच्चे
सोचें
कब
ये
हमारे
साथी
बनेंगे
झूलों
को
देखकर
बच्चे
खुश
हो
रहे
हैं
पापा
की
जेब
में
सेंध
लगने
लगी
है
बाज़ारों
की
सूरत
बदलने
लगी
है
गुड़ियों
पर
विडियो
गेम्स
भारी
पड़ने
लगे
हैं
सजने
संवारने
का
फैशन
हो
गया
है
गली
– गली
ब्यूटी
पार्लर
खुलने
लगे
हैं
बाज़ारों
की
किस्मत
बदलने
लगी
है
दस
की
चीज
सौ
में
बिकने
लगी
है
बाज़ारों
में
युवा
वर्ग
की
चाहत
न
पूछो
कमर
पर
बेल्ट
,
सिर
पर
टोपी
,
जेब
में
मोबाइल
सजने
लगे
हैं
बगैर
ब्रांड
की
इनकी
जीन्स
न
होती
अब
तो
डियोड्रेंट
भी
चलने
लगे
हैं
इन
फैशनों
ने
बजट
को
बिगाड़ा
पापा
भी
साइड
से
पैसे
कमाने
लगे
हैं
बाज़ारों
में
एक
और
नयी
बात
देखी
क्या
गली
– गली
कोचिंग
सेंटर
खुलने
लगे
हैं
पढ़ाई
का
हमको
तो
पता
नहीं
यारों
ये
कोचिंग
सेंटर
लवर
पॉइंट
बनाने
लगे
हैं
कारों
की
बिक्री
जोरो
शोरों
पर
है
हर
एक
घर
में
बाइक
,
साइकिल
की
तरह
सजने
लगे
हैं
स्कूटी
पर
घूमें
ये
जीन्स
– टी
– शर्ट
में
सुंदरियां
मोटर
बाइक
पर
युवा
इनका
पीछा
करने
लगे
हैं
बाज़ारों
में
मेले
लगने
लगे
हैं
जेबों
में
पैसे
खनकने
लगे
हैं
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