मुझको अपनी शरण में ले लो ,हे मनमोहन हे गिरधारी
चरण कमल तेरे बलि – बाले जाऊं ,हे मनमोहन हे गिरधारी
मिथ्या अभिमान से दूर रखो तुम, हे मनमोहन हे गिरधारी
पाप – पुण्य का भेद बताओ ,हे मनमोहन हे गिरधारी
हाथ जोड़ तेरे मंदिर आऊँ, हे मनमोहन हे गिरधारी
पाऊँ तेरा दरश गिरधारी, हे मनमोहन हे गिरधारी
पहला ऋतुफल तुझको अर्पित, हे मनमोहन हे गिरधारी
पाछे सब पाऊँ बनवारी हे, मनमोहन हे गिरधारी
मनोहर छवि मुझे भाये तुम्हारी ,मुझको दरश दिखाओ गिरिधारी
मात- पिता की सेवा कर लूं ऐसे भाग्य जगाओ ,बनवारी हे मनमोहन हे गिरधारी
मोक्ष मार्ग बतलाओ हे प्रभु ,अपने चरणों में लाओ मुरारी
कोमल वाणी प्यारी मुझको जीवन तृष्णा मिटाओ ,गिरिधारी हे मनमोहन हे गिरधारी
माया मोह से मुझे बचाओ ,जीवन पार लगाओ बनवारी
चरण कमल तेरे बलि – बलि जाऊं, हे मनमोहन हे गिरधारी
मुझको अपनी शरण में ले लो ,हे मनमोहन हे गिरधारी
चरण कमल तेरे बलि – बाले जाऊं ,हे मनमोहन हे गिरधारी ||
अनिल कुमार गुप्ता “अंजुम”
No comments:
Post a Comment