मेरी रचनाएं मेरी माताजी श्रीमती कांता देवी एवं पिताजी श्री किशन चंद गुप्ता जी को समर्पित
विचार
तुम्हारी खुद के द्बारा की गयी कोशिशें ही अर्जित की गयी मंजिल का वास्तविक पता होती हैं l खुद पर विश्वास और खुद के प्रयास ही वास्तविक पूँजी होते हैं l
अनिल कुमार गुप्ता “अंजुम”
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