मुक्तक
तुम मेरे जीवन का, अहम हिस्सा हो जाओ तो अच्छा हो मेरे कान्हा
मुझे तुम अपने चरणों में जगह दे दो तो अच्छा हो मेरे कान्हा l
मैं खुद को तुम पर समर्पित कर दूँ, ऐसा हो जाये तो अच्छा हो मेरे कान्हा
मेरी सांसों में पावनता समाहित कर दो तो अच्छा हो मेरे कान्हा ll
अनिल कुमार गुप्ता "अंजुम"
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