Tuesday, 27 August 2024

मुक्तक - तू कामनाओं में फंसता है क्यूँ

 मुक्तक

तू कामनाओं में फंसता है क्यूँ
संभल जाता है , तो फिर गिरता है क्यूँ |
बार – बार गिरना और उठना क्यूँ
खुद को समझाता नहीं है क्यूँ ||

अनिल कुमार गुप्ता “अंजुम”

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